Kho Gaye Hum Kahan Movie Review: अर्जुन वरैन सिंह के निर्देशन में बनी और ज़ोया अख्तर और रीमा कागती के लेखन से सजी फिल्म “खो गए हम कहां” के नायक-नायिकाएं असल दुनिया से तालमेल बिठाते हुए उलझन में फंसे डिजिटल मूलवासी हैं। हरेक क्षण अपनी लाइफ स्टोरी सोशल मीडिया पर शेयर करने की मजबूरी उनकी निजी और सार्वजनिक हर हरकत पर हावी है। पहली नज़र में रील्स और पोस्ट्स के फिल्टर और चमक में डूबा उनका जीवन हंसी-मज़ाक से लबालब भरा लगता है, पर असल में ये ज़िंदगी के असली चेहरे से भाग रहे हैं।
Kho Gaye Hum Kahan Movie Review: Summary
Netflix द्वारा प्रस्तुत Excel Entertainment और Tiger Baby की फिल्म “खो गए हम कहां” एक मध्यम मनोरंजक और कभी-कभी सोच-समझकर बनाई गई फिल्म है। ये फिल्म भले ही परिचित विषयों को छूती है, लेकिन वह आने वाली उम्र की शैली को एक नया और सुसंगत रूप देने में काफी हद तक सफल होती है।
फिल्म Imaad, Ahana और Neil के जीवन के एक साल पर केंद्रित है। ये नए साल की पूर्व संध्या पर शुरू होती है और अगले साल की पूर्व संध्या पर समाप्त होती है। 12 तूफानी महीनों का ये दौर इन तीनों के लिए काफी बड़ा बदलाव लेकर आता है।
Movie : Kho Gaye Hum Kahan
निर्देशक : अर्जुन वरैन सिंह
कलाकार : सिद्धार्थ चौधरी, अनन्या पांडे और आदर्श गौरव
कहाँ देखें : Netflix
फिल्म की लंबाई : 134 minutes
रेटिंग : 3.5/5
Kho Gaye Hum Kahan Movie Review: क्या अच्छा है इस मूवी में
यहां कुछ चीजें जो फिल्म को खास बनाती हैं:
- फ्रेश परिपेक्ष्य: ये फिल्म आने वाली उम्र की कहानियों में आम तौर पर देखे जाने वाले क्लिच से बचती है। इसकी जगह ये डिजिटल युग में जवान होने के अनुभव, रिश्तों की उलझनों और खुद को ढूंढने की कोशिश को ज़्यादा वास्तविक तरीके से पेश करती है।
- किरदारों से जुड़ाव: फिल्म के किरदार काफी relatable हैं। उनकी ख्वाहिशें, डर और गलतियां दर्शकों को उनसे जुड़ने की अनुमति देती हैं। Imaad का संघर्ष, Ahana की असुरक्षा और Neil की दिशाहीनता – ये सब कुछ बारीकी से दर्शाए गए हैं और दर्शकों की सहानुभूति जगाते हैं।
- सामाजिक टिप्पणियां: फिल्म सोशल मीडिया के प्रभाव, रिश्तों की नाजुकता और आत्म-खोज की चुनौतियों पर विचारशील टिप्पणियां करती है। ये बिना उपदेश दिए दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है।
- अच्छा अभिनय: फिल्म के तीनों मुख्य कलाकार – Ananya Panday, Siddhant Chaturvedi और Adarsh Gourav – ने बेहतरीन अभिनय किया है। उन्होंने अपने किरदारों को जीवंत बनाया है और उनकी भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया है।
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Kho Gaye Hum Kahan Movie Review: खोए हुए दोस्त, नकली हंसी और सोशल मीडिया का जाल
अहाना सिंह और इमाद अली जिगरी यार हैं, और फ्लैटमेट भी. इमाद मजाक में कहता है, “हम स्पेसशिप में रहते हैं, अपने कमरों में बंद, एक-दूसरे को काफी जगह देते हैं।” इस तिकड़ी का तीसरा टुकड़ा है नील परेरा, एक जिम ट्रेनर जो फिटनेस सेंटरों की चेन खोलने का सपना देखता है।
अहाना का बॉयफ्रेंड रोहन “ब्रेक लेने” की बात कहकर चला जाता है, और वह टूट जाती है। दिखावा करने के चक्कर में रिवर्स साइकोलॉजी अपनाती है। इंस्टाग्राम पर खुशियों की तस्वीरें डालती है, लेकिन चुपके से रोहन के पीछे जासूसी करती है, उसकी लोकेशन, उसके नए फॉलोअर्स और एक्टिविटी पर नजर रखती है।
इधर, स्टैंड-अप कॉमेडियन इमाद अपने दोस्तों और उनकी जिंदगी के मुद्दों पर चुटकुले बनाकर दर्शकों को हंसाता है। कॉमेडी के अलावा, वह या तो अपने अतीत के घावों को भरने के लिए थेरेपी लेता है, या डेटिंग ऐप्स पर लड़कियों से फ्लर्ट करता है और मौका मिलते ही हुकअप कर लेता है।
पर जिंदगी एक नया मोड़ लेती है जब इमाद सिमरन से मिलता है। वो एक फोटोग्राफर है, इमाद से थोड़ी बड़ी, लेकिन सोशल मीडिया का जुनून उसे इस रिश्ते में टिकने नहीं देता।
उधर, बड़े सेलिब्रिटी क्लाइंट्स पाने की उम्मीद में नील ज्यादातर समय लाला के साथ बिताता है। लाला एक लाख फॉलोअर्स वाली इंस्टाग्राम इन्फ्लूएंसर है, और नील को अपना आर्म-कैंडी बनाकर उसे मालदीव्स तक की छुट्टी पर ले जाती है।
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ये तीनों अपनी जिंदगी में कुछ बनाना चाहते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में वो भूल जाते हैं कि असल जिंदगी कैसी होती है। वो सोशल मीडिया पर जुड़े रहने की कोशिश में खो जाते हैं और असल रिश्तों को भूल जाते हैं।
“खो गए हम कहां” की कहानी इन्हीं तीन दोस्तों की इसी उलझन की है। वो एक-दूसरे को नहीं देखते, असल जिंदगी को नहीं देखते, और खुद को भी नहीं देख पाते। फिल्म हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सोशल मीडिया की नकली दुनिया में इतना खो चुके हैं कि हम असल खुशियों को देख ही नहीं पाते? आपलोग भी अपनी राय इसपे जरूर दें।